जय जय हो रघुराई राम भजन हिंदी लिरिक्स | Jai Jai Ho Raghurai Ram Hindi Bhajan Lyrics |
जय जय हो रघुराई राम भजन हिंदी लिरिक्स
| Jai Jai Ho Raghurai Ram Hindi Bhajan Lyrics |
रोग दोष सब पाप मिटेंगे, कृपा निधान हैं राम…
जय जय जय हो जय रघुराई, तीनो लोक तेरी प्रभुताई
दशरथ नंदन अजर बिहारी, हरउ नाथ मम संकट भारी….
आपका सेवक आपके सन्मुख, हर लो रघुवर मेरे हर दुःख
मैं सेवक तुम मेरे स्वामी, मै मूरख तुम अंतरयामी…..
कृपासिंधु हे कौशल नंदन, कलह क्लेश का कर दो मर्दन
आप सुने ना तो कौन सुनेगा, मै तड़पूँगा जग ये हँसेगा……
शरण गहे की राखी लाज, आप सदा संतन के साथ
आप शिरोमणी रघूवंश के, आप विधाता जीव अंश के…..
जा पर कृपा आप की होती, ता पर कृपा जगत की होती
आपको जपा जो वाल्मिकी ने, रामायण को पढ़ा सभी ने…
तुलसीदास पर कृपा जो कीन्ही, राम चरित मानस रच दीन्ही
हनुमत को दीन्हा वरदान, अजर अमर हुए श्री हनुमान….
अमर विभीषण आपने कीन्हे, झूठे बेर शबरी सौ लीन्हे
सुग्रीव का संताप मिटाया, और बाली को पाठ पढ़ाया…..
आपने जो सागर ललकारा, सागर स्वयं मिलन को धाया
विनती कीन्ही कर जोर प्रभु, क्षमा करो प्रभु बाँधो सेतु…
राम नाम महीमा अति भारी, राम ही राम जपे त्रिपुरारी
रामाषीश ऋषी मुनि पाई, रघुवर मूरत हिए समाई…
दो अक्षर में चारों धाम, दूजा ना कोई राम समान
त्रेता युग प्रभु राम आगमन, सरयु जल का कीन्ह आचमन…
दूर समाज की करन बुराई, नर के रूप आए रघुराई
रिश्तों की ये डोर बनाई, जग को बांधा स्वयं निभाई.
पितापुत्र का कैसा रिश्ता, आपके द्वारा जग ने समझा
रघुकुल रीत आप निभाई, दशरथ जी की आन बचाई.
नल और नील ने सेतु बांधा, राम नाम लिख पत्थर डाला
सागर पार हुए रघुराई, लंका में हुई त्राही त्राही.
हनुमत ने जो भरी हुंकार, धरा गगन हुई जय जयकार
अंजनिपुत्र क्रोध में आए, अगणित योद्धा मार गिराए.
राम और रावण युद्ध प्रमाण, पुण्य हरे पापी के प्राण
लंकेश्वर ने भी स्वीकारा, अहंकार ने मुझको मारा.
कैसी प्रजा हो कैसा राजा, अवध सी प्रजा राम सा राजा
राम राज की नींव जो डाली, दूर हुई जग की बहाली.
राम नाम कलियुग जो जपें, पूर्ण सकल हो काज
भक्त सुधाकर विनय करें, स्वीकारो महाराज….