Shyaam Teri Tasveer Sirane Rakhkar Sote Hai श्याम तेरी तस्वीर सिरहाने रख कर सोते हैं Krishna Bhajan Lyrics |
Shyaam Teri Tasveer Sirane Rakhkar Sote Hai श्याम तेरी तस्वीर सिरहाने रख कर सोते हैं Krishna Bhajan Lyrics |
यही सोच कर अपने दोनों नयन भिगोते हैं
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
श्याम तेरी तस्वीर सिरहाने रख कर सोते हैं
श्याम तेरी तस्वीर सिरहाने रख कर सोते हैं
यही सोच कर अपने दोनों नयन भिगोते हैं
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
नन्ने नन्ने हाथों से आकर मुझे हिलाएगा,
नन्ने नन्ने हाथों से आकर मुझे हिलाएगा,
फिर भी नींद ना टूटेगी तो मुरली मधुर बजाएगा
फिर भी नींद ना टूटेगी तो मुरली मधुर बजाएगा
जाने कब आजाये, जाने कब आजाये,
हम रुक रुक कर रोते हैं
जाने कब आजाये,जाने कब आजाये,
हम रुक रुक कर रोते हैं
यही सोच कर अपने दोनों नयन भिगोते हैं
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
श्याम तेरी तस्वीर सिरहाने रख कर सोते हैं
श्याम तेरी तस्वीर सिरहाने रख कर सोते हैं
यही सोच कर अपने दोनों नयन भिगोते हैं
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
अपना पन हो अखिओं में होठो पे मुस्कान हो,
अपना पन हो अखिओं में होठो पे मुस्कान हो,
ऐसे मिलना जैसे की जन्मो की पहचान हो
ऐसे मिलना जैसे की जन्मो की पहचान हो
इसके खातिर इसके खातिर अखिया मसल मसल कर रोते हैं
इसके खातिर इसके खातिर अखिया मसल मसल कर रोते हैं
यही सोच कर अपने दोनों नयन भिगोते हैं
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
श्याम तेरी तस्वीर सिरहाने रख कर सोते हैं
श्याम तेरी तस्वीर सिरहाने रख कर सोते हैं
यही सोच कर अपने दोनों नयन भिगोते हैं
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
कभी कभी घबराए क्या हम इस के हकदार हैं
कभी कभी घबराए क्या हम इस के हकदार हैं
जितना मुझको प्यार है, क्या तुमको भी प्यार है
जितना मुझको प्यार है, क्या तुमको भी प्यार है
यही सोच के यही सोच के करवट बदल बदल कर रोते हैं
यही सोच के यही सोच के करवट बदल बदल कर रोते हैं
यही सोच कर अपने दोनों नयन भिगोते हैं
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
श्याम तेरी तस्वीर सिरहाने रख कर सोते हैं
श्याम तेरी तस्वीर सिरहाने रख कर सोते हैं
यही सोच कर अपने दोनों नयन भिगोते हैं
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
जाने कब आजाए हम आँगन रोज बुहारें
जाने कब आजाए हम आँगन रोज बुहारें
मेरे इस छोटे से घर का कोना कोना सवारे
मेरे इस छोटे से घर का कोना कोना सवारे
जिस दिन नहीं जिस दिन नहीं आते हो हम जी भर कर रोते हैं
जिस दिन नहीं जिस दिन नहीं आते हो हम जी भर कर रोते हैं
यही सोच कर अपने दोनों नयन भिगोते हैं
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
श्याम तेरी तस्वीर सिरहाने रख कर सोते हैं
श्याम तेरी तस्वीर सिरहाने रख कर सोते हैं
यही सोच कर अपने दोनों नयन भिगोते हैं
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
इक दिन ऐसी नींद खुले जब तेरा दीदार हो
इक दिन ऐसी नींद खुले जब तेरा दीदार हो
बनवारी फिर हो जाए यह अखिया बेकार हो
बनवारी फिर हो जाए यह अखिया बेकार हो
बस इस दिन बस इस दिन के खातिर हम तो दिनभर रोते हैं
बस इस दिन बस इस दिन के खातिर हम तो दिनभर रोते हैं
यही सोच कर अपने दोनों नयन भिगोते हैं
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
श्याम तेरी तस्वीर सिरहाने रख कर सोते हैं
श्याम तेरी तस्वीर सिरहाने रख कर सोते हैं
यही सोच कर अपने दोनों नयन भिगोते हैं
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
श्याम तेरी तस्वीर सिरहाने रख कर सोते हैं
श्याम तेरी तस्वीर सिरहाने रख कर सोते हैं
यही सोच कर अपने दोनों नयन भिगोते हैं
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे
कभी तो तस्वीर से निकलोगे, कभी तो मेरे श्याम पिघलोगे