भवेत् सा नन्द-नंदन भावे भावे सु-भक्तिमन कृष्णा संस्कृत भजन लिरिक्स | Bhaje Vrajaika Mandanam Samasta Paap Khandanam krishna sanskrit bhajan Llyrics |
भवेत् सा नन्द-नंदन भावे भावे सु-भक्तिमन कृष्णा संस्कृत भजन लिरिक्स
| Bhaje Vrajaika Mandanam Samasta Paap Khandanam krishna sanskrit bhajan Llyrics |
स्व -भक्त -चित्त -रंजनं सदैव नन्द-नन्दनम ॥
सु -पिच्च-गुच्छ -मस्तकम् सुनाद -वेणु -हस्तकं ।
अनंग -रंग -सागरम नमामि कृष्ण-नागरम् ॥
मनोज-गर्व-मोचनं विसाल-लोल-लोचनं ।
विधूत-गोप-सोचनम् ́ नमामि पद्म -लोचनं ॥
करारविंदा-भूधराम ́ स्वमित्वलोका-सुंदरम ।
महेंद्र -माने -दारणम् नमामि कृष्ण-वारणम् ॥
कदम्ब-सून-कुण्डलं ́ सुचारु -गंड -मंडलम् ।
व्रजांगनिका -वल्लभं नमामि कृष्ण-दुर्लभं ॥
यशोदया सा -मोदय सा -गोपाया सा -नंदया ।
युतम् सुखैका -दायकं नमामि गोप-नायकम् ॥
सदैव पाद -पंकजम मदीय -मानसेनिजाम ।
दधानं उत्तमलाकम ́ नमामि नन्द-बालकम् ॥
समस्त-दोस शोषणम् समस्त -लोक -पोषणम् ।
समस्त -गोप -मानसम नमामि नन्द-लालसम ॥
भुवो भरावतारकम् भवाब्धि -कर्णधारकम् ।
यशोमती-किशोरकम नमामि चित्त-चोरकम ॥
द्र्गंत-कांत-भंगिनम सदा -सदा -संगीनम ।
दिने दिने नवम नवम नमामि नन्द-सम्भवम् ॥
गुनाकरम सुखाकरं ́कृपाकरम ́कृपावरम ́ ।
सूरा-द्विसं-निकन्दनं नमामि गोप-नन्दनम ॥
नवीन -गोप-नागरम नवीन-केलि -लम्पटं ।
नमामि मेघा-सुंदरम तड़ित -प्रभालसतपतम ॥
समस्त -गोप -नन्दनम ह्रदम-अम्बुजकामोदनम ।
नमामि कुंजा -मध्य -गम प्रसन्न -भानु -सोभनम् ॥
निकम्म-काम-दायकं दर्गंत-चारु -सायकम् ।
रसाल-वेणु-गायकम्́ नमामि कुंजा-नायकम् ॥
विदग्ध-गोपिकामनो-मनोगंतल्प -सायिनम ।
नमामि कुंज-कानने प्रवृद्ध-वन्नी-पायिनम ॥
यदा तदा यथा तथा तथैवा कृष्ण̣-सत -कथा ।
माया सदैव गीयतम तथा कृपा विजियतम ।
रमाण̣कस̣तक -द्वयम् जापत्य आदित्य यह पुमन ॥
भवेत् सा नन्द-नंदन भावे भावे सु -भक्तिमन ॥॥।