सावन की रुत है आजा माँ भजन लीरिक्स | Sawan Ki Rut Hai Aaja Maa Bhajan Lyrics | | Sonu Nigam |

सावन की रुत है आजा माँ भजन लीरिक्स
 | Sawan Ki Rut Hai Aaja Maa Bhajan Lyrics | | Sonu Nigam |

सावन की रुत है आजा माँ,हम झूला तुझे झुलाये गे,
फूलो से सजाये गे तुझको मेहँदी हाथो में लगाएंगे,

कोई भेट करे गा चुनरी कोई पहनायेगा चूड़ी,
माथे पे लगाएगा माँ कोई भक्त तिलक सिंदूरी,
कोई लिए खड़ा है पायल लाया है कोई कंगना,
जिन राहो से आएंगे माँ तू भक्तो के अंगना,
हम पलके वहा विशायेगे,
सावन की रुत है आजा माँ,

माँ अम्बा की डाली पे झूला भक्तो ने सजाया,
चन्दन की विशाई चौंकी श्रदा से तुझे भुलाया,
अब छोड़ दे आँख मचोली आजा ओ मैया भोली,
हम तरस रहे है कब से सुन ने को तेरी बोली,
सावन की रुत है आजा माँ,

लाखो हो रूप माँ तेरे चाहे जिस रूप में आजा,
नैनो की प्यास भुजा जा बस इक झलक दिखला जा,
झूले पे तुझे बिठा के तुझे दिल का हाल सुना के,
फिर मेवे और मिश्री का तुझे प्रेम से भोग लगा के,
तेरे भवन पे दौड़ के आएंगे ,
सावन की रुत है आजा माँ,

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