बेटी ये कोख से बोल रही माँ करदे मुझपे ये उपकार भजन लीरिक्स | Beti Ye Kokh Se Bol Rahi Maa Karde Mujhpe Ye Upkar Bhajan Lyrics |
बेटी ये कोख से बोल रही माँ करदे मुझपे ये उपकार भजन लीरिक्स
| Beti Ye Kokh Se Bol Rahi Maa Karde Mujhpe Ye Upkar Bhajan Lyrics |
जीवन भर आभार करुँगी
आने दे मुझको भी जग में
माँ ! मैं भी हूँ अंश तुम्हारा
कहलाउंगी वंश तुम्हारा
आने दे मुझको भी जग में
माँ ! मत भूलो अपने वो दिन
कोख में थी तू भी तो इक दिन
आने दे मुझको भी जग में
बेटी ये कोख से बोल रही
माँ करदे मुझपे ये उपकार
मत मार मुझे,जीवन दे दे
मुझको भी देखन दे संसार
बिन मेरे माँ
तुम भईया को राखी किससे बँधवाओगी
मरती रही कोख की हर बेटी
तो बहू कहाँ से लाओगी
बेटी है बहन,बेटी दुल्हन
बेटी बिन सूना है परिवार
बेटी ये कोख से बोल रही
माँ करदे मुझपे ये उपकार
नहीं जानती मैं इस दुनिया को
मैंने तो जाना है बस तुझको
मुझे पता तुझे है फिकर मेरी
तू मार नहीं सकती मुझको
फिर क्यूँ इतनी मजबूर है यु
माँ क्यूँ है तू इतनी लाचार
मत मार मुझे,जीवन दे दे
मुझको भी देखन दे संसार
मैं बेटी हूँ,मैं बेटा नहीं
मैं तो कुदरत की रचना हूँ
तेरा मान बनूँगी,बोझ नहीं
तेरी ममता को मैं तरस रही
मत छीन तू मेरा ये अधिकार
बेटी ये कोख से बोल रही
माँ करदे मुझपे ये उपकार
गर मैं न हुई तो माँ
फिर तू किसे दिल की बात बताएगी
मतलब के इस दुनिया में माँ
तू घुट घुट के रह जायेगी
बेटी ही समझे माँ का दिल
‘अंकुश’ करले बेटी से प्यार
मत मार मुझे,जीवन दे दे
मुझको भी देखन दे संसार
बेटी ये कोख से बोल रही
माँ करदे मुझपे ये उपकार
मत मार मुझे,जीवन दे दे
मुझको भी देखन दे संसार