यह कल कल छल छल बहती लिरिक्स | Yeh Kal Kal Chal Chal Behti Lyrics |
यह कल कल छल छल बहती लिरिक्स
| Yeh Kal Kal Chal Chal Behti Lyrics |
यह कल कल छल छल बहती,
क्या कहती गंगा धारा,
युग युग से बहता आता,
यह पुण्य प्रवाह हमारा,
यह पुण्य प्रवाह हमारा।।
हम इसके लघुतम जल कण,
बनते मिटते है क्षण क्षण,
अपना अस्तित्व मिटा कर,
तन मन धन करते अर्पण,
बढते जाने का शुभ प्रण,
प्राणों से हमको प्यारा,
यह पुण्य प्रवाह हमारा,
यह पुण्य प्रवाह हमारा।।
इस धारा में घुल मिलकर,
वीरों की राख बही है,
इस धारा मे कितने ही,
ऋषियों ने शरन गहि है,
इस धारा की गोदी में,
खेला इतिहास हमारा,
यह पुण्य प्रवाह हमारा,
यह पुण्य प्रवाह हमारा।।
यह अविरल तप का फल है,
यह राष्ट्र प्रवाह का प्रबल है,
शुभ संस्कृति का परिचायक,
भारत माँ का आचल है,
यहा शास्वत है तिर जीवन,
मर्यादा धर्म हमारा,
यह पुण्य प्रवाह हमारा,
यह पुण्य प्रवाह हमारा।।
क्या उसको रोक सकेंगे,
मिटने वाले मिट जाये,
कंकर पत्थर की हस्ती,
क्या बाधा बनकर आये,
ढह जायेगें गिरी पर्वत,
कांपे भूमण्डल सारा,
यह पुण्य प्रवाह हमारा,
यह पुण्य प्रवाह हमारा।।
यह कल कल छल छल बहती,
क्या कहती गंगा धारा,
युग युग से बहता आता,
यह पुण्य प्रवाह हमारा,
यह पुण्य प्रवाह हमारा।।