पार्वती वल्लभा अष्टकम् | Parvati Vallabha Ashtakam |

पार्वती वल्लभा अष्टकम् | Parvati Vallabha Ashtakam |

पार्वती वल्लभा अष्टकम्
 | Parvati Vallabha Ashtakam |

नमो भूथ नाधम नमो देव देवं,
नाम कला कालं नमो दिव्य थेजं,
नाम काम असमं, नाम संथ शीलं,
भजे पर्वथि वल्लभं नीलकन्दं।
सदा थीर्थ सिधं, साध भक्था पक्षं,
सदा शिव पूज्यं, सदा शूर बस्मं,
सदा ध्यान युक्थं, सदा ज्ञान दल्पं,
भजे पर्वथि वल्लभं नीलकन्दं।

स्मसानं भयनं महा स्थान वासं,
सरीरं गजानां सदा चर्म वेष्टं,
पिसचं निसेस समा पशूनां प्रथिष्टं,
भजे पर्वथि वल्लभं नीलकन्दं।

फनि नाग कन्दे, भ्जुअन्गःद अनेकं,
गले रुण्ड मलं, महा वीर सूरं,
कादि व्यग्र सर्मं., चिथ बसम लेपं,
भजे पर्वथि वल्लभं नीलकन्दं।

सिराद शुद्ध गङ्गा, श्हिवा वाम भागं,
वियद दीर्ग केसम सदा मां त्रिनेथ्रं,
फणी नाग कर्णं सदा बल चन्द्रं,
भजे पर्वथि वल्लभं नीलकन्दं।

करे सूल धरं महा कष्ट नासं,
सुरेशं वरेसं महेसं जनेसं,
थाने चारु ईशं, द्वजेसम्, गिरीसं,
भजे पर्वथि वल्लभं नीलकन्दं।

उधसं सुधासम, सुकैलस वासं,
दर निर्ध्रं सस्म्सिधि थं ह्यथि देवं,
अज हेम कल्पध्रुम कल्प सेव्यं,
भजे पर्वथि वल्लभं नीलकन्दं।

मुनेनं वरेण्यं, गुणं रूप वर्णं,
ड्विज संपदस्थं शिवं वेद सस्थ्रं,
अहो धीन वत्सं कृपालुं शिवं,
भजे पर्वथि वल्लभं नीलकन्दं।

सदा भव नाधम, सदा सेव्य मानं,
सदा भक्थि देवं, सदा पूज्यमानं,
मया थीर्थ वासं, सदा सेव्यमेखं,
भजे पर्वथि वल्लभं नीलकन्दं।


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July 07, 2022 at 11:27AM
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