श्याम बांसुरी बजाये री अधर धर के भजन लीरिक्स | Shyam Bansuri Bajaye Ri Adhar Dhar Ke Shri Krishna Bhajan Lyrics | | Manish Sharma |
श्याम बांसुरी बजाये री अधर धर के भजन लीरिक्स
| Shyam Bansuri Bajaye Ri Adhar Dhar Ke Shri Krishna Bhajan Lyrics |
| Manish Sharma |
करूँ तारीफ़ मुरली की या मुरली धर कन्हैया की ।
जहां न काम चलता तीर और कमानो से,
विजय नटवर की होती है वहां मुरली की तानो से ॥
श्याम बांसुरी बजाये री अधर धर के,
श्याम बांसुरी बजाये री अधर धर के,
रूप माधुरी पिलाए हो हो हो हो,
रूप माधुरी पिलाए हो हो हो हो.
रूप माधुरी पिलाए यह तो भर भर के,
बांसुरी बजाये री अधर धर के,
श्याम बांसुरी बजाये री अधर धर के ।
बांसुरी बजा के छीने मन का आराम री,
बांसुरी बजा के छीने मन का आराम री,
बांसुरी है जादू क्या, जादूगर श्याम री,
बांसुरी है जादू क्या, जादूगर श्याम री,
बजे जब यह निगोड़ी,हो हो हो हो हो हो
बजे जब यह निगोड़ी,हो हो हो हो हो हो
हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो
बजे जब यह निगोड़ी,मेरा जीया धड़के,
बांसुरी बजाये री अधर धर के,
श्याम बांसुरी बजाये री अधर धर के ।
कदम की छैया ठाडो ठाडो मुस्काए री,
कदम की छैया ठाडो ठाडो मुस्काए री,
बांसुरी में धीरे धीरे राधे राधे गाए री,
बांसुरी में धीरे धीरे राधे राधे गाए री,
ऐसा रूप है सलोना, हो हो हो हो हो हो,
ऐसा रूप है सलोना, हो हो हो हो हो हो,
हो हो हो हो हो हो,हो हो हो हो हो हो,
ऐसा रूप है सलोना,जीया ले गयो हर के,
बांसुरी बजाये री अधर धर के,
श्याम बांसुरी बजाये री अधर धर के ।
बांसुरी निगोड़ी जब बजे ऐंठ ऐंठ के,
बांसुरी निगोड़ी जब बजे ऐंठ ऐंठ के,
अधर सुधा को पिए अधरों पे बैठ के,
अधर सुधा को पिए अधरों पे बैठ के,
देखो फिरे इतराती,हो हो हो हो हो हो,
देखो फिरे इतराती,हो हो हो हो हो हो,
हो हो हो हो हो हो,हो हो हो हो हो हो,
देखो फिरे इतराती,यह सवार करके,
बांसुरी बजाये री अधर धर के,
श्याम बांसुरी बजाये री अधर धर के ।
राधिका किशोरी वामे बांसुरी हो कर में,
राधिका किशोरी वामे बांसुरी हो कर में,
रमण हमेशा करो मन के नगर में,
रमण हमेशा करो मन के नगर में,
बस इतना ही मांगूं,हो हो हो हो हो,
बस इतना ही मांगूं,हो हो हो हो हो,
हो हो हो हो हो,हो हो हो हो हो,
बस इतना ही मांगूं,देदो दया करके,
बांसुरी बजाये री अधर धर के,
श्याम बांसुरी बजाये री अधर धर के ।
रूप माधुरी पिलाए हो हो हो हो,
रूप माधुरी पिलाए हो हो हो हो,
रूप माधुरी पिलाए यह तो भर भर के,
बांसुरी बजाये री अधर धर के,
श्याम बांसुरी बजाये री अधर धर के
श्याम बांसुरी बजाये री अधर धर के
श्याम बांसुरी बजाये री अधर धर के
श्याम बांसुरी बजाये री अधर धर के
श्याम बांसुरी बजाये री अधर धर के
श्याम बांसुरी बजाये री अधर धर के ।