बुला लो वृन्दावन गिरधारी भजन लीरिक्स | Bula Lo Vrindavan Girdhari Khana Bhajan Hindi Lyrics | | Nangli Sahib |
बुला लो वृन्दावन गिरधारी भजन लीरिक्स
| Bula Lo Vrindavan Girdhari Khana Bhajan Hindi Lyrics |
| Nangli Sahib |
बुला लो वृन्दावन गिरधारी
बसा लो वृन्दावन गिरधारी
श्याम मेरी बीती उमरिया सारी
मोह ममता ने डाला घेरा,
ना कोई सूझे रास्ता तेरा
दीन दयाल पकड़ लो बहियाँ
अब केवल आस तिहारी
बुला लो वृन्दावन गिरधारी…
करुणा करो मेरे नटनागर
जीवन की मेरे खाली गागर
अपनी दया का सागर भर दो
मैं आई शरण तिहारी
बुला लो वृन्दावन गिरधारी…
दीना नाथ ठाकुर ना देना
अपनी चरण कमल राज देना
युगों युगों से खोज रही हूँ
अब दर्शन दो गिरिधारी
बुला लो वृन्दावन गिरधारी…
आसरा इस जहाँ का मिले ना मिले
मुझको तेरा सहारा सदा चाहिए
यहाँ खुशियां है कम और ज्यादा है गम
जहाँ देखूं वहीँ है भरम हीं भरम
मेरी महफ़िल में शम्मा जले ना जले
मेरे दिल में उजाला तेरा चाहिए
मेरी चाहत की दुनियां बसे ना बसे
मेरे दिल में बसेरा तेरा चाहिए
चाँद तारे फलक पे दिखे ना दिखे
मुझको तेरा नजारा सदा चाहिए
मेरी धीमी है चाल और पथ है विशाल
हर कदम पे मुशीबत अब तू हीं संभाल
पैर मेरे थके हैं चले ना चले
मुझको तेरा इशारा सदा चाहिए
गर तेरी इनायत हो जाये
गर तेरा सहारा मिल जाये
दुनियां की कुछ परवाह नहीं
चाहे सबसे किनारा हो जाए
अब जाएँ श्री वृन्दावन में
ऐसी तो मेरी औकात नहीं
अरे राधा रानी कृपा करदे
फिर ऐसी तो कोई बात नहीं
बुला लो बुला लो
बुला लो वृन्दावन गिरधारी
ये सारा पागलखाना है
यहाँ पागल आते जाते हैं
अपना अपना कहने वाले
सब पागल बन कर जाते हैं -२
कोई पागल है धन दौलत का
कोई पागल बेटे नारी का
पर सच्चा पागल वो हीं है
जो पागल बांके बिहारी का-२
मैं भी पागल
तू भी पागल
सारे पागल
हो गए पागल
पागल पागल
बसा लो वृन्दावन गिरधारी