तू ज्ञान का सागर है भजन भजन लिरिक्स | TU GYAN KA SAGAR HAI BHAJAN BHAJAN LYRICS |

तू ज्ञान का सागर है भजन भजन लिरिक्स
 | TU GYAN KA SAGAR HAI BHAJAN BHAJAN LYRICS |

तू ज्ञान का सागर है, आनंद का सागर है,
उसी आनंद के प्यासे हम,
निज ज्ञान सुधा चाखे, प्रभु अब तेरी कृपा से हम,
तू ज्ञान का सागर है, आनंद का सागर है।

विषय भोग में तन्मय होकर, खोया है जीवन वृथा,
बात प्रभु तेरी एक ना मानी, अपनी ही धुन में रहा,
जाना है किधर हमको, और आये हैं कहाँ से हम,
तू ज्ञान का सागर है, आनंद का सागर है।

आतम अनुभव अमृत तज के, पिया विषय जड का,
मोह नशे में पागल होकर, किया ना तत्व विचार,
नैया है मेरी मझधार-२, इसी से प्रभु को बुलाते हम,
तू ज्ञान का सागर है, आनंद का सागर है।

भूल रहे हैं राह वतन की, भटक रहे संसार,
भीख मांगते दर दर भ्रमते, घर में भरा है भंडार,
निजधाम हमारा है, जहां है स्वदेस यहां से हम,
तू ज्ञान का सागर है, आनंद का सागर है।

Mahaveer Jayanti Bhajan | Jain Bhajan Lyrics | Nakoda Bhairav Bhajan Lyrics | Mahaveer Jayanti Bhajan | Jain Bhajan | Bhajan Lyrics | Mahaveer Jayanti

Youtube Video



और भी ऐसे ही मधुर भजनों की लिरिक्स के लिए हमारी वेबसाइट को विजिट करते रहे|
इस भजन को आप अपने मित्रगणों के साथ शेयर करिए|
यदि आप भी हमें कोई भजन या अन्य उपयोगी सामग्री भेजना चाहे नीचे दिए गए बटन का प्रयोग करे|
|| आप को मारवाड़ी भजन डॉट कॉम की और से सादर जय सियाराम ||

Blogger द्वारा संचालित.