सीता माता की आरती लिरिक्स | Sita Mata Ki Aarti Lyrics |
सीता माता की आरती लिरिक्स
| Sita Mata Ki Aarti Lyrics |
आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ।।
जगत जननी जग की विस्तारिणी,
नित्य सत्य साकेत विहारिणी,
परम दयामयी दिनोधारिणी,
सीता मैया भक्तन हितकारी की।।
सीता जी…।।
सती श्रोमणि पति हित कारिणी,
पति सेवा वित्त वन वन चारिणी,
पति हित पति वियोग स्वीकारिणी,
त्याग धर्म मूर्ति धरी की।।
सीता जी…।।
विमल कीर्ति सब लोकन छाई,
नाम लेत पवन मति आई,
सुमीरात काटत कष्ट दुख दाई,
शरणागत जन भय हरी की ।।
सीता जी…।।
नवरात्री Special आरतियाँ, Aarti Lyrics, गणेश जी की आरती,Hindi Aarti, All Aarti Lyrics, Aarti songs,Mataji Ki Aarti,Aarti Kunj Bihari Ki krishna Aarti,Ganesh Ji Aarti,Shivji Aarti
Youtube Video
और भी ऐसे ही मधुर भजनों की लिरिक्स के लिए हमारी वेबसाइट को विजिट करते रहे|
इस भजन को आप अपने मित्रगणों के साथ शेयर करिए|
यदि आप भी हमें कोई भजन या अन्य उपयोगी सामग्री भेजना चाहे नीचे दिए गए बटन का प्रयोग करे|
|| आप को मारवाड़ी भजन डॉट कॉम की और से सादर जय सियाराम ||