शुक्रवार की आरती लिरिक्स | Shukarwar Ki Aarti Lyrics |
शुक्रवार की आरती लिरिक्स
| Shukarwar Ki Aarti Lyrics |
आरती लक्ष्मण बाल जती की।
असुर संहारन प्राणपति की॥
जगमग ज्योति अवधपुरी राजे।
शेषाचल पर आप विराजे॥
घंटाताल पखावज बाजै।
कोटि देव आरती साजै॥
क्रीटमुकुट कर धनुष विराजै।
तीन लोक जाकि शोभा राजै॥
कंचन थार कपूर सुहाई।
आरती करत सुमित्रा माई॥
प्रेम मगन होय आरती गावैं।
बसि बैकुण्ठ बहुरि नहीं आवैं॥
भक्ति हेतु हरि लाड़ लड़ावै।
जब घनश्याम परम पद पावैं॥
नवरात्री Special आरतियाँ, Aarti Lyrics, गणेश जी की आरती,Hindi Aarti, All Aarti Lyrics, Aarti songs,Mataji Ki Aarti,Aarti Kunj Bihari Ki krishna Aarti,Ganesh Ji Aarti,Shivji Aarti
Youtube Video
और भी ऐसे ही मधुर भजनों की लिरिक्स के लिए हमारी वेबसाइट को विजिट करते रहे|
इस भजन को आप अपने मित्रगणों के साथ शेयर करिए|
यदि आप भी हमें कोई भजन या अन्य उपयोगी सामग्री भेजना चाहे नीचे दिए गए बटन का प्रयोग करे|
|| आप को मारवाड़ी भजन डॉट कॉम की और से सादर जय सियाराम ||