सती लेने परीक्षा लखन राम की भजन लिरिक्स | SATI LENE PARIKSHA LAKHAN RAM BHAJAN LYRICS |

सती लेने परीक्षा लखन राम की भजन लिरिक्स
 | SATI LENE PARIKSHA LAKHAN RAM BHAJAN  LYRICS |

सती लेने परीक्षा लखन राम की,
जानकी का बना रूप जाने लगी,
शंभू समझाए पर सती जी मानी,
रूप सीता का जैसा बना कर चली,
सती लेने परीक्षा लखन राम की,
जानकी का बना रूप जाने लगी।

जब श्रीराम ने जाना सती का ये मन,
बड़ी हैरत में आके यूं कहने लगे,
धन्य माता मेरी तुम को मेरा नमन,
प्रभु के सुन वचन घबराने लगी,
सती लेने परीक्षा लखन राम की,
जानकी का बना रूप जाने लगी।

लौटकर पास भोले की जब आ गई,
बात बोली ने पूंछा तो घबरा गई,
भूल भारी हुई माफ कर दो पिया,
इस तरह विनती भोले से करने लगी,
सती लेने परीक्षा लखन राम की,
जानकी का बना रूप जाने लगी।

क्या करूं अब सती दिल ने छोड़ा तुम्हें,
अपनी मर्जी का फल ही मिला है तुम्हें,
ऐसा कहकर कि शंभू समाधि लिए,
राज सती ने जाना और रोने लगी,
सती लेने परीक्षा लखन राम की,
जानकी का बना रूप जाने लगी।

राजा दक्ष ने घर अपने यज्ञ रचा,
बिन बुलाए सती वहां पर जाने लगी,
मिला सम्मान उनको वहां जब नहीं,
सती बेदी ने जल भस्म होने लगी,
सती लेने परीक्षा लखन राम की,
जानकी का बना रूप जाने लगी।

सती लेने परीक्षा लखन राम की
जानकी का बना रूप जाने लगी

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