संतोषी माता का ध्यान भक्तो धरो भजन लिरिक्स | SANTOSHI MATA KA DHYAN BHAJAN LYRICS |
संतोषी माता का ध्यान भक्तो धरो भजन लिरिक्स
| SANTOSHI MATA KA DHYAN BHAJAN LYRICS |
संतोषी माता का ध्यान भक्तो धरो,
संतोषी माता का ध्यान भक्तो धरो,
ध्यान भक्तो धरो,
गुणगान मन से करो,
दुष्ट दमनी का तुम सम्मान मन से करो,
संतोषी माता का ध्यान भक्तो धरो,
संतोषी माता का ध्यान भक्तो धरो,
ध्यान भक्तो धरो,
गुणगान मन से करो,
दुष्ट दमनी का तुम सम्मान मन से करो।
डुबो को तारती बिगड़ी सवारती,
हर समय हर घड़ी,
दिलों को जोड़ती आलीना मोड़ती,
नेहमते देती बड़ी,
सूखे ये फूल खिलाती,
कागा को हंस बनाती,
जब भी दयाल ये होती,
कंकर भी हो जाये मोती,
कण कण में रहती है,
पहचान मन से करो,
ध्यान भक्तो धरो,
गुणगान मन से करो,
दुष्ट दमनी का तुम
सम्मान मन से करो।
शक्ति महान है गुणो की खान है,
जो चाहे लीजिये,
करेगी काज माँ रखेगी लाज माँ,
चिंता ना कीजिये,
कहता जहां ये सारा,
सबको ही माँ का सहारा,
फूल खिलाये माँ आस का,
सौदा है ये विश्वास का,
मैया का हर निर्णय, प्रवान मन से करो,
ध्यान भक्तो धरो,
गुणगान मन से करो,
दुष्ट दमनी का तुम सम्मान मन से करो।
संतोषी माता का ध्यान भक्तो धरो,
संतोषी माता का ध्यान भक्तो धरो,
ध्यान भक्तो धरो,
गुणगान मन से करो,
दुष्ट दमनी का तुम सम्मान मन से करो,
ध्यान भक्तो धरो,
गुणगान मन से करो,
दुष्ट दमनी का तुम सम्मान मन से करो।
संतोषी माता का ध्यान भक्तो धरो,
ध्यान भक्तो धरो,
गुणगान मन से करो,
दुष्ट दमनी का तुम सम्मान मन से करो,
संतोषी माता का ध्यान भक्तो धरो,
संतोषी माता का ध्यान भक्तो धरो,
ध्यान भक्तो धरो,
गुणगान मन से करो,
दुष्ट दमनी का तुम सम्मान मन से करो।
डुबो को तारती बिगड़ी सवारती,
हर समय हर घड़ी,
दिलों को जोड़ती आलीना मोड़ती,
नेहमते देती बड़ी,
सूखे ये फूल खिलाती,
कागा को हंस बनाती,
जब भी दयाल ये होती,
कंकर भी हो जाये मोती,
कण कण में रहती है,
पहचान मन से करो,
ध्यान भक्तो धरो,
गुणगान मन से करो,
दुष्ट दमनी का तुम
सम्मान मन से करो।
शक्ति महान है गुणो की खान है,
जो चाहे लीजिये,
करेगी काज माँ रखेगी लाज माँ,
चिंता ना कीजिये,
कहता जहां ये सारा,
सबको ही माँ का सहारा,
फूल खिलाये माँ आस का,
सौदा है ये विश्वास का,
मैया का हर निर्णय, प्रवान मन से करो,
ध्यान भक्तो धरो,
गुणगान मन से करो,
दुष्ट दमनी का तुम सम्मान मन से करो।
संतोषी माता का ध्यान भक्तो धरो,
संतोषी माता का ध्यान भक्तो धरो,
ध्यान भक्तो धरो,
गुणगान मन से करो,
दुष्ट दमनी का तुम सम्मान मन से करो,
ध्यान भक्तो धरो,
गुणगान मन से करो,
दुष्ट दमनी का तुम सम्मान मन से करो।
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