मातारानी का दरबार सजाया है भजन लिरिक्स | MATARANI KA DARBAAR SAJAYA HAI BHAJAN LYRICS |
मातारानी का दरबार सजाया है भजन लिरिक्स
| MATARANI KA DARBAAR SAJAYA HAI BHAJAN LYRICS |
मातारानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भक्तों को बुलाया है,
दुख को हरे झोली भरे,
दयालू है मेरी माँ,
माता रानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भक्तों को बुलाया है।
आई दुनियां त्याग के मैया की शरण में,
सच्चा सुख और चैन है मैया के चरण में,
सेवा करूँ दिन रात तेरी,
पूजा करूँ दिन रात तेरी,
दुख को हरे झोली भरे,
दयालू है मेरी माँ,
माता रानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भक्तों को बुलाया है।
विनती है हमारी कल्याण करो माँ,
सदा अपने भक्तों पर ध्यान धरो माँ,
हमारे हर पल करना रखवाली,
जगत जननी माता तू शेरावाली,
दुख को हरे झोली भरे,
दयालू है मेरी माँ,
माता रानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भक्तों को बुलाया है।
मातारानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भक्तों को बुलाया है,
दुख को हरे झोली भरे,
दयालू है मेरी माँ,
माता रानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भक्तों को बुलाया है।
दूर दूर से भक्तों को बुलाया है,
दुख को हरे झोली भरे,
दयालू है मेरी माँ,
माता रानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भक्तों को बुलाया है।
आई दुनियां त्याग के मैया की शरण में,
सच्चा सुख और चैन है मैया के चरण में,
सेवा करूँ दिन रात तेरी,
पूजा करूँ दिन रात तेरी,
दुख को हरे झोली भरे,
दयालू है मेरी माँ,
माता रानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भक्तों को बुलाया है।
विनती है हमारी कल्याण करो माँ,
सदा अपने भक्तों पर ध्यान धरो माँ,
हमारे हर पल करना रखवाली,
जगत जननी माता तू शेरावाली,
दुख को हरे झोली भरे,
दयालू है मेरी माँ,
माता रानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भक्तों को बुलाया है।
मातारानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भक्तों को बुलाया है,
दुख को हरे झोली भरे,
दयालू है मेरी माँ,
माता रानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भक्तों को बुलाया है।
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