मंदिर में बैठी रहती हो बाहर भी आया जाया करो भजन लिरिक्स | MANDIR ME BAITHI RAHATI HO BHAJAN LYRICS |

मंदिर में बैठी रहती हो बाहर भी आया जाया करो भजन लिरिक्स
 | MANDIR ME BAITHI RAHATI HO BHAJAN LYRICS |

मंदिर में बैठी रहती हो
बाहर भी आया जाया करो
मैं रोज तेरे दर आता हूँ,
मैं रोज तेरे दर आता हूँ
तुम भी मेरे घर आया करो
मंदिर में बैठी रहती हो....

तू आती मेरे नजदीक नही-2
यूं मुझको सताना ठीक नही-2
मैं तुझको समझता हूं अपना,
मैं तुझको समझता हूं अपना
तुम भी मुझे अपना बनाया करो
मंदिर में बैठी रहती हो....

मंदिर तेरा ये घर तेरा-2
वो दर तेरा ये सर मेरा-2
इस सर को उठा के जी मैं सकूँ,
इस सर को उठा के जी मैं सकूँ
इस तरह जीना सिखाया करो
मंदिर में बैठी रहती हो....

सहगल तेरा गुणगान करे-2
निसदिन चरणों मे ध्यान धरे-2
त्रिलोकी की मालिक मेरी
त्रिलोकी की मालिक मेरी,
कुटिया में भी फेरा पाया करो
मंदिर में बैठी रहती हो....

मंदिर में बैठी रहती हो
बाहर भी आया जाया करो
मैं रोज तेरे दर आता हूँ,
मैं रोज तेरे दर आता हूँ
तुम भी मेरे घर आया करो

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