कुष्मांडा माता का महामंत्र लीरिक्स | KUSHMANDA MATA MANTRA LYRICS |

कुष्मांडा माता का महामंत्र लीरिक्स
| KUSHMANDA MATA MANTRA LYRICS |

सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च। 
 
 
 
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥

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