कण कण में तेरी ज्योति घट घट में तेरी ज्योति भजन लिरिक्स | KAN KAN ME TERI JYOTI BHAJAN LYRICS |
कण कण में तेरी ज्योति घट घट में तेरी ज्योति भजन लिरिक्स
| KAN KAN ME TERI JYOTI BHAJAN LYRICS |
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति,
कुछ ना होता इस दुनिया में हो,
कुछ ना होता इस दुनिया में,
ज्योत अगर ये तेरी ना होती,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति,
भक्तजनो के दुःख तू हर के हो,
भक्तजनो के दुःख तू हर के,
साचे सुख के बीज है बोती,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति।
धरती गगन पाताल में अम्बे,
घूम रही तेरी शीतल छाया,
अग्नि पवन ये सागर नदिया,
माया तेरी है माँ माहा माया,
कही तू मीठे फलो का रस्ती हो,
कही तू मीठे फलो का रस्ती,
सतरंगे कही फूल पिरोती,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति।
तू जगजननी तू महादेवी,
हम है तुम्हारे खेल खिलौने,
तुम्हे पता क्या किसके मन में,
काहे छुपा कोई किसी भी कौने,
सबकी खबर तुम्हे सब चिंता हो,
सबकी खबर तुम्हे सब चिंता,
कहाँ है कंकर कहाँ है मोती,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति।
शेर के ऊपर तेरा सिंहासन,
अपरंपार है तेरी शक्ति,
कलयुग में माँ सुखी है वो ही,
मन से करे जो तेरी भक्ति,
दया के पावन निर्मल जल से हो,
दया के पावन निर्मल जल से,
पाप हमारे तू ही धोती,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति,
कुछ ना होता इस दुनिया में हो,
कुछ ना होता इस दुनिया में,
ज्योत अगर ये तेरी ना होती,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति।
घट घट में तेरी ज्योति,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति,
कुछ ना होता इस दुनिया में हो,
कुछ ना होता इस दुनिया में,
ज्योत अगर ये तेरी ना होती,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति,
भक्तजनो के दुःख तू हर के हो,
भक्तजनो के दुःख तू हर के,
साचे सुख के बीज है बोती,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति।
धरती गगन पाताल में अम्बे,
घूम रही तेरी शीतल छाया,
अग्नि पवन ये सागर नदिया,
माया तेरी है माँ माहा माया,
कही तू मीठे फलो का रस्ती हो,
कही तू मीठे फलो का रस्ती,
सतरंगे कही फूल पिरोती,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति।
तू जगजननी तू महादेवी,
हम है तुम्हारे खेल खिलौने,
तुम्हे पता क्या किसके मन में,
काहे छुपा कोई किसी भी कौने,
सबकी खबर तुम्हे सब चिंता हो,
सबकी खबर तुम्हे सब चिंता,
कहाँ है कंकर कहाँ है मोती,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति।
शेर के ऊपर तेरा सिंहासन,
अपरंपार है तेरी शक्ति,
कलयुग में माँ सुखी है वो ही,
मन से करे जो तेरी भक्ति,
दया के पावन निर्मल जल से हो,
दया के पावन निर्मल जल से,
पाप हमारे तू ही धोती,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति,
कुछ ना होता इस दुनिया में हो,
कुछ ना होता इस दुनिया में,
ज्योत अगर ये तेरी ना होती,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति,
कण कण में तेरी ज्योति,
घट घट में तेरी ज्योति।
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