जिनवर पारस श्रमण भजन भजन लिरिक्स | JINVAR PARAS SHRAMAN BHAJAN LYRICS |
जिनवर पारस श्रमण भजन भजन लिरिक्स
| JINVAR PARAS SHRAMAN BHAJAN LYRICS |
जिनवर पारस श्रमण,
तुमको लाखों नमन,
महिमा गाएं,
तेरे चरणों में शीश नवाएँ।
जिनवर पारस श्रमण,
तुमको लाखों नमन,
महिमा गाएं,
तेरे चरणों में शीश नवाएँ।
तेरे अंतर् में करुणा,
का निर्झर,
जग के हित में वो बहता,
निरंतर,
उसमे करने रमण,
प्रभु जी पारस श्रमण,
हम भी आए,
तेरे चरणों में शीश नवाएँ।
तेरी वाणी ये,
पारसमयी है,
लोहे को कर दे कंचन,
सही है,
कर दो ऐसा जतन,
कंचन हो जाए मन,
भजन सुनाएं,
तेरे चरणों में शीश नवाएँ।
हरता प्रज्ञा का,
रवि अँधियारा,
चमकें उससे ही,
उससे ही विश्व सारा,
चंद्र आया शरण,
हर लो तम का वरण,
आभा छाई,
तेरे चरणों में शीश नवाएँ।
जिनवर पारस श्रमण,
तुमको लाखों नमन,
महिमा गाएं,
तेरे चरणों में शीश नवाएँ।
जिनवर पारस श्रमण,
तुमको लाखों नमन,
महिमा गाएं,
तेरे चरणों में शीश नवाएँ।
तुमको लाखों नमन,
महिमा गाएं,
तेरे चरणों में शीश नवाएँ।
जिनवर पारस श्रमण,
तुमको लाखों नमन,
महिमा गाएं,
तेरे चरणों में शीश नवाएँ।
तेरे अंतर् में करुणा,
का निर्झर,
जग के हित में वो बहता,
निरंतर,
उसमे करने रमण,
प्रभु जी पारस श्रमण,
हम भी आए,
तेरे चरणों में शीश नवाएँ।
तेरी वाणी ये,
पारसमयी है,
लोहे को कर दे कंचन,
सही है,
कर दो ऐसा जतन,
कंचन हो जाए मन,
भजन सुनाएं,
तेरे चरणों में शीश नवाएँ।
हरता प्रज्ञा का,
रवि अँधियारा,
चमकें उससे ही,
उससे ही विश्व सारा,
चंद्र आया शरण,
हर लो तम का वरण,
आभा छाई,
तेरे चरणों में शीश नवाएँ।
जिनवर पारस श्रमण,
तुमको लाखों नमन,
महिमा गाएं,
तेरे चरणों में शीश नवाएँ।
जिनवर पारस श्रमण,
तुमको लाखों नमन,
महिमा गाएं,
तेरे चरणों में शीश नवाएँ।
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