व्याकुल लखन पड़ा है जमीन पर भजन लीरिक्स | Vyakul Lakhan Pada Hai Zameen Par Bhajan Lyrics |

व्याकुल लखन पड़ा है जमीन पर भजन लीरिक्स
 |  Vyakul Lakhan Pada Hai Zameen Par Bhajan Lyrics |

ना आए अब तक पवन कुमार,
आधी रात तो बीत गई है कैसे हुई आभार,
ना आए अब तक पवन कुमार.....

व्याकुल लखन पड़ा है जमीन पर,
कैसा बज्र गिरा है हम पर,
पेड़ संजीवन नहीं है वहां पर,
क्या माया में फंसा है जाकर,
भाई लखन सब मिले ना दूजा, सोलह लू अवतार,
ना आए अब तक पवन कुमार.....

किसको सुनाए अपना फसाना,
हंसी उड़ाए मुझ पर जमाना,
नारी का कहे मुझे दीवाना,
नारी के कारण भाई रवाना,
ऐसे जीवन से तो भैया, मरू कटारी मार,
ना आए अब तक पवन कुमार.....

आजा आजा हनुमान तू आजा,
भाई लखन के प्राण बचा जा,
आकर अपना वचन निभा जा,
अपने राम को धीरज बना जा,
लेके संजीवन गए पवनसुत, छाई खुशियां अपार,
लो आ गए अब तो पवन कुमार.....

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