उंचा पर्वत थी आवो ने भैरूजी भजन लिरिक्स | Uncha Parvat Thi Aavo Ne Bheruji Jain Bhajan Lyrics

उंचा पर्वत थी आवो ने भैरूजी भजन लिरिक्स
Uncha Parvat Thi Aavo Ne Bheruji Jain Bhajan Lyrics

उंचा पर्वत थी आवो ने भैरूजी,
दुखड़ा म्हारा थे दादा निवारजो ।
रूमझूम रूमझूम करता थे आवो,
नावड़ी म्हारी थे पार उतारजो ।।
उंचा पर्वत थी आवो ने भैरूजी...

आओ टाबरिया ऊपर, करुणा बरसावजो,
कृपा करजो थे दादा, मत तरसावजो ।
नावड़ी डूबे हैं म्हारी, पार लगावजो,
दुखड़ा म्हारा थे दादा निवारजो ।।
उंचा पर्वत थी आवो ने भैरूजी...

आधी-व्याधि थे म्हारी, हरजो जग रा देव,
मन री मुरादों पूरी, करजो म्हारा देव ।
भुला भटका मैं, शरण मे आयो,
दुखड़ा म्हारा थे दादा निवारजो ।।
उंचा पर्वत थी आवो ने भैरूजी...

खाली झोली नैन री, भरजो भैरूजी,
भक्तों री आशा पूरी, करजो भेरूजी ।
नाकोड़ा दरबार ने, घना याद करे हैं,
दुखड़ा म्हारा थे दादा निवारजो ।।
उंचा पर्वत थी आवो ने भैरूजी...

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